गोवंश की हत्या करनेवालों को अभी भी कहीं कठोर दंड मिला ऐसा दिखाई नहीं देता ! उसके कारण ही गोवंश बंदी कानून के होते हुए भी गोवंश की हत्याएं हो रही हैं। जब कहीं ऐसे लोगों को कठोर दंड मिलेगा, तो ही कानून के उल्लंघन का एवं हिन्दुओं की धर्मभावनाओं को आहत करने का साहस कोई नहीं दिखा पाएगा !
सातारा (महाराष्ट्र) : १६ मई की रात में यहां के कुरैशीनगर के पशुवधगृह में अवैधरूप से गोवंश की हत्या के समय पुलिसद्वारा की गई छापामारी में २१ जीवित गोवंश एवं ८० मृत गोवंश के अवशेष दिखाई दिए ! इस प्रकरण में धर्मांध इम्तियाज कुरैशी के विरोध में अपराध प्रविष्ट किया गया है; परंतु उसके सहयोगी वहां से भाग जाने में सफल रहे !
हत्या किए गए गोवंश में देसी एवं खिलार गायें, जरसी गायें एवं जरसी बैल थे। पुलिस प्रशासन ने जीवित गोवंश को अपने नियंत्रण में ले लिया है। (कुछ वर्ष पहले हिन्दू जनजागृति समिति एवं समविचारी संगठनों ने पशुवधगृहोंपर प्रतिबंध लगाने के लिए पुरजोर प्रयास किए थे। इन प्रयासों को सफलता भी मिली; परंतु उपर्युक्त घटना को देखते हुए पशुवधगृहोंपर लगाया गया प्रतिबंध केवल कागज पर ही रहा, यह बात स्पष्ट होती है ! इसके कारण अभीतक कितने गोवंश की हत्या की गई है, इसकी जांच होनी आवश्यक है, साथ ही इन घटनाओं को संरक्षण देनेवालों को भी कठोर दंड मिलना चाहिए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
No comments:
Post a Comment